विधानसभा पुस्तकालय
09 नवम्बर 2000 को उत्तराखण्ड राज्य के गठन के पश्चात् वर्ष 2001 में विधान सभा पुस्तकालय की स्थापना हुई। पुस्तकालय की स्थापना के समय उत्तर प्रदेश विधान सभा से उत्तराखण्ड को प्राप्त पुस्तकें ही पुस्तकालय में संग्रहित की गईं। पुस्तकालय की स्थापना के समय एक ही कर्मचारी पुस्तकालय में तैनात थीं। धीरे-धीरे पुस्तकालय का विस्तार होता गया और पुस्तकों की संख्या बढ़ती गयी। पुस्तकालय के संग्रह में संदर्भ पुस्तकें, कहानी संग्रह, विश्वकोश, शासनादेश, शब्दकोश, राजकीय प्रकाशन, गजट, सदन की कार्यवाहियां इत्यादि अनेक उपयोगी पुस्तकें हैं। वर्तमान में पुस्तकालय को नया रूप, नई दिशा देकर डिजीटल पुस्तकालय की परिकल्पना को साकार करने का संकल्प माननीय अध्यक्ष महोदया श्रीमती ऋतु खंडूड़ी भूषण ने लिया है, जिससे कि इसका लाभ उत्तराखण्ड विधान सभा के माननीय सदस्यों के साथ-साथ विधान सभा सचिवालय के कर्मचारी तथा संसदीय प्रणाली में रुचि रखने वाले शोधार्थियों को मिल सके। उत्तराखण्ड विधान सभा की डिजीटल लाइब्रेरी में पुस्तकों को डिजीटल स्वरूप में रखने का कार्य तेजी से चल रहा है। ऑडियो- विजुअल सामग्री को भी डिजीटल लाइब्रेरी में संजोए जाने की परिकल्पना की गई है, जिसमें सदन की कार्यवाहियों के ऑडियो तथा विजुअल भी शामिल होंगे। इस दिशा में पुस्तकालय की टीम दिन रात मेहनत कर रही है